लेखनी कविता -मेरी पतंग - बालस्वरूप राही
मेरी पतंग / बालस्वरूप राही
उतने ही मेरी पतंग में
इन्द्रधनुष में जीतने रंग हैं।
इन्द्रधनुष में सात रंग हैं।
यह भी रंग लिए हैं सात,
इन्द्र धनुष की तरह बादलों-
से यह भी करती हैं बात।
उड़ती सदा हवा के संग।
फर फर उड़ती आसमान में,
देती नहीं दिखाई डोर,
ठुमके देते ही उड़ जाती,
इसे मोड सकते हर ओर।
देख सभी रह जाते दंग।